गूगल की AGI डेवलपमेंट टीम Gemini AI पर काम कर रही है। ब्रिन का मानना है कि यदि कर्मचारी अपनी कोशिशें तेज करें, तो गूगल इस क्षेत्र में लीड कर सकता है।

Google – फोटो : FREEPIK
आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) की रेस में गूगल पीछे नहीं रहना चाहता। कंपनी के को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन ने अपने कर्मचारियों से हफ्ते में 60 घंटे काम करने और हर दिन ऑफिस आने की अपील की है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिन ने एक इंटरनल मेमो में कहा कि गूगल इस रेस को जीत सकता है, लेकिन इसके लिए कर्मचारियों को और ज्यादा मेहनत करनी होगी।
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हर दिन ऑफिस आने की सलाह
ब्रिन ने कर्मचारियों को सलाह दी कि वे कम से कम हर वर्किंग डे ऑफिस आएं और अपने काम की उत्पादकता बढ़ाएं। उन्होंने कहा, “60 घंटे काम करना सबसे बेहतर रहेगा, लेकिन इससे ज्यादा करने से बर्नआउट हो सकता है।”
ब्रिन ने यह भी चिंता जताई कि कुछ कर्मचारी न्यूनतम प्रयास कर रहे हैं, जिससे बाकी टीम का मनोबल प्रभावित हो सकता है। उनका मानना है कि यह केवल अप्रभावी ही नहीं बल्कि टीम के लिए निराशाजनक भी है।
गूगल को चाहिए AI रेस में बढ़त
गूगल की AGI डेवलपमेंट टीम Gemini AI पर काम कर रही है। ब्रिन का मानना है कि यदि कर्मचारी अपनी कोशिशें तेज करें, तो गूगल इस क्षेत्र में लीड कर सकता है। उन्होंने कहा, “अभी AGI की फाइनल रेस शुरू हो चुकी है और हमें इसे जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकनी होगी।”
ब्रिन के इस कदम से साफ है कि टेक कंपनियां अब हाइब्रिड वर्क पॉलिसी से पीछे हट रही हैं और कर्मचारियों को फुल-टाइम ऑफिस में लाने की कोशिश कर रही हैं। इससे पहले भी कई कंपनियों ने कर्मचारियों की वर्किंग आवर्स बढ़ाने की रणनीति अपनाई है।
AI से कोडिंग को और तेज बनाने पर जोर
ब्रिन ने खासतौर पर AI-ड्रिवन सेल्फ-इम्प्रूवमेंट पर जोर दिया और कहा कि कर्मचारियों को गूगल की AI का उपयोग करके “दुनिया के सबसे कुशल कोडर और वैज्ञानिक” बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि गूगल के पास AGI हासिल करने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं, लेकिन इसके लिए टीम को ज्यादा मेहनत करनी होगी।
गौरतलब है कि 2022 में चैटजीपीटी के लॉन्च के बाद AI इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा काफी तेज हो गई है। माइक्रोसॉफ्ट, ओपनएआई और मेटा जैसी कंपनियां भी AGI की रेस में आगे बढ़ने की कोशिश कर रही हैं।