WTO: ‘भारत के टैरिफ डब्लूटीओ के अनुरूप, सरकार को ये बात अमेरिका के बतानी चाहिए’, थिंक टैंक GTRI का बयान

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ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि ‘भारत द्वारा जो टैरिफ लगाए जाते हैं, वे WTO के ही अनुरूप हैं। इन्हें साल 1995 में अमेरिका सहित सभी देशों ने मंजूर किया था।’

डब्लूटीओ – फोटो : डब्लूटीओ.ऑर्गेनाइजेशन

आर्थिक थिंक टैंक GTRI ने रविवार को कहा कि भारत के आयात शुल्क वैश्विक व्यापार नियमों के अनुरूप हैं और सरकार को अमेरिकी प्रशासन को यह बताना चाहिए। इसने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत करना कई चुनौतियों को प्रस्तुत करता है। GTRI (Global Trade Research Initiative) ने ये भी कहा है कि अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत करना भारत के लिए कई चुनौतियां ला सकता है। 

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डब्लूटीओ नियमों को अनदेखा कर रहे हैं ट्रंप
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि ‘भारत द्वारा जो टैरिफ लगाए जाते हैं, वे WTO के ही अनुरूप हैं। इन्हें साल 1995 में अमेरिका सहित सभी देशों ने मंजूर किया था।’ उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ को लेकर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उन्हें लेकर भारत को अमेरिका के सामने अपना पक्ष स्पष्ट करने की जरूरत है। 166 सदस्यों वाला डब्लूटीओ फोरम एकमात्र अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो सदस्यों देशों के बीच व्यापार के नियम तय करता है। साल 1995 में जब डब्लूटीओ की स्थापना हुई थी, तब विकसित राष्ट्र, विकासशील देशों को उच्च टैरिफ देने पर सहमत हुए थे। उन्होंने कहा, ‘भारत के उच्च टैरिफ के बारे में बात करते समय ट्रंप, डब्लूटीओ के नियमों को आसानी से भूल जाते हैं।’ जी.टी.आर.आई. ने कहा कि अमेरिका द्वारा उच्च शुल्क लगाने की धमकी से निपटने के लिए भारत के पास सबसे अच्छे विकल्प हैं कि अमेरिका को अधिकांश औद्योगिक वस्तुओं पर शून्य टैरिफ की पेशकश करना या फिर बिना किसी प्रतिशोध के नए अमेरिकी टैरिफ को स्वीकार करना।

अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते से भारत को हो सकती है परेशानी
थिंक टैंक ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते में अमेरिका भारत पर, अमेरिकी फर्मों के लिए सरकारी खरीद खोलने, कृषि सब्सिडी कम करने, पेटेंट सुरक्षा को कमजोर करने और डाटा प्रवाह पर प्रतिबंध हटाने के लिए दबाव डाल सकता है। भारत दशकों से इन मांगों का विरोध करता रहा है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत पर उच्च टैरिफ वसूलने का आरोप लगाया है और वे भारत को टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला देश भी कह चुके हैं। बता दें कि टैरिफ एक आयात शुल्क है, जो सरकार द्वारा विदेशी सामान पर लगाया जाता है। 

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